Nitish kumar biography in hindi
नीतीश कुमार
नीतीश कुमार (जन्म १ मार्च१९५१, बख्तियारपुर, बिहार, भारत) एक भारतीय राजनीतिज्ञ हैं और सम्प्रति बिहार के मुख्यमंत्री हैं।[1] इससे पहले उन्होंने से तक बिहार के मुख्यमंत्री और से में सीएम के रूप में एक संक्षिप्त कार्यकाल के बाद, उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया और एक बार फिर एनडीए से हाथ मिला लिया । नीतीश ने में नमवीं बार बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। वे बिहार के सबसे लंबे समय तक रहने वाले मुख्यमंत्री हैं।[2] वह जनता दल यू राजनीतिक दल के प्रमुख नेताओं में से हैं।
हाल में नीतीश कुमार सुर्खियों में आ गए जब उन्होंने राम नवमी के जुलूस पे पत्थरबाजी और कई हिंदुओं के मरने तथा घायल होने की कई घटनाओं को नजर अंदाज करते हुए उसी वक्त इफ्तार पार्टी का आयोजन किया। इसके लिए हिंदुओं ने उनकी काफी आलोचना भी की , यहां तक कि उनकी तुलना रोम के नीरो से भी की गई। भाजपा ने भी उनपर तुष्टीकरण की राजनीति का आरोप लगाया।[3][4][5][6][7]
17 मई को उन्होंने भारतीय आम चुनाव, में अपने पार्टी के खराब प्रदर्शन की जिम्मेदारी लेते हुए मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था और उसके बाद 68 वर्षीय जीतन राम मांझी ने बिहार के 23वें मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। नीतीश कुमार ने ही मुख्यमंत्री के रूप में जीतन राम मांझी के नाम की पेशकश की थी। हालांकि, वह बिहार में राजनीतिक संकट के चलते फरवरी में कार्यालय में लौट आये और नवंबर की बिहार विधान सभा चुनाव,२०१५ जीता। वह 10 अप्रैल को अपनी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में निर्वाचित हुए। के आगामी चुनाव में कई राजनेताओं लालू यादव, तेजस्वी यादव और अन्य ने भारत में प्रधानमंत्री पद के लिए उन्हें प्रस्तावित किया, हालांकि उन्होंने ऐसी आकांक्षाओं से इनकार किया। 26 जुलाई, को सीबीआई द्वारा एफआईआर में उपमुख्यमंत्री और लालू प्रसाद यादव के पुत्र तेजस्वी यादव के नामकरण के कारण नीतीश कुमार ने फिर से बिहार के मुख्यमंत्री पद से गठबंधन सहयोगी आरजेडी के बीच मतभेद के चलते इस्तीफा दे दिया था। कुछ घंटे बाद, वह एनडीए गठबंधन में शामिल हुए और मुख्यमंत्री पद की पुनः शपथ ली। इसके बाद में पुनः उन्होने एनडीए गठबंधन के रुप में चुनाव लड़ा लेकिन में पुनः एनडीए गठबंधन से अलग होकर अपने पार्टी को राजद-कांग्रेस महागठबंधन में शामिल कर लिया और मुख्यमंत्री पद की पुनः शपथ ली। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के कार्यकाल में कुछ उपलब्धियाँ इस प्रकार हैं -
- से अब तक विकास की दर बहुत ही धीमी रही है, कुछ साल तेजी से ग्रोथ हुई है पर बाकी साल नाम मात्र की।
- प्रति व्यक्ति आय (GSDP) में जहां था वही यह बढ़कर में हो गया। अगर महंगाई दर के हिसाब से देखे तो में रुपए आज के रुपए के बराबर है। इसका मतलब 16 सालों में लोगो की खरीदने की क्षमता में रुपए या करीब 15% की बढ़त हुई है जो हर साल 1% की दर से कम है।
- प्रति व्यक्ति आय एनएसडीपी (NSDP) के अनुसार में जहां ₹7, था वहीं यह बढ़कर 17 में 25, हो गया. इस तरह से ₹18, की वृद्धि हुई। अगर महंगाई दर के हिसाब से देखे तो में रुपए आज के रुपए के बराबर है। इसका मतलब 16 सालों में लोगो की खरीदने की क्षमता में रुपए या करीब 50% की कमी हुई है। इसका कारण ये है की चीजे महंगी होती है और आंकड़ों से ज्यादा ये मायने रखता है की आप क्या खरीद सकते है उन पैसों से।
- बिहार का गरीबी दर घटा है। में जहां यह था वही यह घटकर वर्तमान में % हो गया। इस तरह से % की गिरावट दर्ज की गई है। हालाकि यह राष्ट्रीय दर से तीन गुण धीमें कम हुई है।
- बिहार के लोगों का मासिक, व्यय ग्रामीण इलाकों में में जहां ₹ मात्र था वहीं यह वर्तमान में हो गया है। हालाकि यह देश में सबसे कम मासिक व्यय है, इस तरह से मासिक व्यय में ₹ की वृद्धि हुई है। पर ये राष्ट्रीय दर से 5 गुना कम है। अगर महगाई के दर से देखे तो ग्रामीण इलाको की गरीबी और ज्यादा बढ़ी है। इसका सबसे बड़ा सबूत है की ज्यादा से ज्यादा लोग गांव में जमीनें बेचकर शहर का रुख कर रहे।
- बिहार के शहरी लोगों का मासिक खर्चा में ₹ था जो वर्तमान में बढ़कर हो गया है। इस तरह से ₹ लोग ज्यादा खर्च कर रहे हैं, पर अगर महंगाई के हिसाब से देखे तो मासिक कमाई से कम हो गई है।
- इज ऑफ डूइंग बिजनेस में भी बिहार लगातार सुधार किया है। में बिहार का स्कोर था वहीं वर्तमान में बढ़कर हो गया है। इस तरह से की वृद्धि हुई है।
प्रारंभिक जीवन
[संपादित करें]नीतीश कुमार का जन्म हरनौत (कल्याण बिगहा) नालन्दा , में एक कुर्मी (अबधिया) परिवार हुआ। उनके पिता स्वतंत्रता सेनानी थे और आधुनिक बिहार के संस्थापकों में से एक महान गांधीवादी अनुग्रह नारायण सिन्हा के करीब थे। उनके पिता, कविराज राम लखन एक आयुर्वेदिक वैद्य थे।[8] नीतीश कुमार का उपनाम 'मुन्ना' है।[9][10][11]
उन्हें में बिहार कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग (अब एनआईटी पटना) से विद्युत इंजीनियरिंग में डिग्री मिली। वह बिहार राज्य बिजली बोर्ड में शामिल हुए, आधे मन से, और बाद में राजनीति में चले गए।
राजनैतिक जीवन
[संपादित करें]नीतीश कुमार बिहार अभियांत्रिकी महाविद्यालय, के छात्र रहे हैं जो अब राष्ट्रीय तकनीकी संस्थान, पटना के नाम से जाना जाता हैं। वहाँ से उन्होंने विद्युत अभियांत्रिकी में उपाधि हासिल की थी। वे १९७४ एवं १९७७ में जयप्रकाश बाबू के सम्पूर्ण क्रांति आंदोलन में शामिल रहे थे एवं उस समय [12] के महान समाजसेवी एवं राजनेता सत्येन्द्र नारायण सिन्हा के काफी करीबी रहे थे।
वे पहली बार बिहार विधानसभा के लिए १९८५ में चुने गये थे। १९८७ में वे युवा लोकदल के अध्यक्ष बने। १९८९ में उन्हें बिहार में जनता दल का सचिव चुना गया और उसी वर्ष वे नौंवी लोकसभा के सदस्य भी चुने गये थे।
१९९० में वे पहली बार केन्द्रीय मंत्रीमंडल में बतौर कृषि राज्यमंत्री शामिल हुए। १९९१ में वे एक बार फिर लोकसभा के लिए चुने गये और उन्हें इस बार जनता दल का राष्ट्रीय सचिव चुना गया तथा संसद में वे जनता दल के उपनेता भी बने। १९८९ और में उन्होंने बाढ़ लोकसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया। १९९८-१९९९ में कुछ समय के लिए वे केन्द्रीय रेल एवं भूतल परिवहन मंत्री भी रहे और अगस्त १९९९ में गैसाल में हुई रेल दुर्घटना के बाद उन्होंने मंत्रीपद से अपना इस्तीफा दे दिया।
"‘मुझे लोकनायकजयप्रकाश नारायण, छोटे साहबसत्येंद्र नारायण सिन्हा और जननायककर्पूरी ठाकुर के चरणों में जानने और सीखने का मौका मिला है-" मुख्यमंत्रीनीतीश कुमार
के लोकसभा चुनावों में राष्ट्रीय जनता दल को भाजपा + जद (यू) गठबंधन के हाथों झटका लगा। नया गठबंधन विधानसभा क्षेत्रों में से पर आगे चलकर उभरा और यह व्यापक रूप से माना जाता था कि बिहार राज्य विधानसभा के आगामी चुनाव में लालू-राबड़ी शासन समाप्त हो जाएगा। राजद ने कांग्रेस के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ा था, लेकिन गठबंधन ने कांग्रेस के राज्य नेतृत्व को यह विश्वास दिलाने का काम नहीं किया कि चारा घोटाले में लालू प्रसाद का नाम आने के बाद उनकी छवि खराब हो गई थी। नतीजतन, कांग्रेस ने के विधानसभा चुनाव अकेले लड़ने का फैसला किया।[13]
राजद को गठबंधन सहयोगी के रूप में कम्युनिस्ट पार्टियों से संतुष्ट होना पड़ा, लेकिन राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के खेमे में सीट बंटवारे की पहेली ने कुमार को अपनी समता पार्टी को शरद यादव और जनता दल के रामविलास पासवान गुट से बाहर कर दिया। भाजपा और कुमार के बीच मतभेद भी पैदा हुए क्योंकि बाद वाले को बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में पेश किया जाना था, लेकिन कुमार इसके पक्ष में नहीं थे। पासवान भी सीएम चेहरा बनना चाहते थे। मुस्लिम और ओबीसी भी अपनी राय में विभाजित थे। मुसलमानों के एक वर्ग, जिसमें पसमांदा जैसे गरीब समुदाय शामिल थे, का मानना था कि लालू ने केवल शेख, सैय्यद और पठान जैसे ऊपरी मुसलमानों को मजबूत किया और वे नए विकल्पों की तलाश में थे।
लालू यादव ने मुसलमानों के उद्धारकर्ता के रूप में अपने प्रक्षेपण के बाद से अन्य प्रमुख पिछड़ी जातियों जैसे कोइरी और कुर्मी को भी अलग-थलग कर दिया। संजय कुमार द्वारा यह तर्क दिया जाता है कि यह विश्वास है कि, "कोइरी-कुर्मी की जुड़वां जाति जैसे प्रमुख ओबीसी सत्ता में हिस्सा मांगेंगे यदि वह (यादव) उनका समर्थन मांगते हैं, जबकि मुसलमान केवल सांप्रदायिक दंगों के दौरान सुरक्षा से संतुष्ट रहेंगे। यादव ने उनकी उपेक्षा की। इसके अलावा, दोनों खेमों में विभाजन ने राज्य में राजनीतिक माहौल को एक आवेशपूर्ण बना दिया, जिसमें कई दल बिना किसी सीमा के एक-दूसरे के खिलाफ लड़ रहे थे। जद (यू) और भाजपा कुछ सीटों पर एक दूसरे के खिलाफ लड़ रहे थे और समता पार्टी भी। परिणाम भाजपा के लिए एक झटका था, जो मीडिया अभियानों में भारी जीत के साथ उभर रहा था। राजद सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी। सन २००० में वे बिहार के मुख्यमंत्री बने लेकिन उन्हें सिर्फ सात दिनों में त्यागपत्र देना पड़ा।[14] सदस्यीय सदन में एनडीए और सहयोगी दलों के पास विधायक थे जबकि लालू प्रसाद यादव के विधायक थे।[15] दोनों गठबंधन के बहुमत के निशान से कम थे। नीतीश ने सदन में अपनी संख्या साबित करने से पहले ही इस्तीफा दे दिया। लालू यादव के राजनीतिक पैंतरेबाज़ी से राबड़ी देवी ने फिर से मुख्यमंत्री पद की शपथ ली।[16]
सन २००० में वे फिर से केन्द्रीय मंत्रीमंडल में कृषि मंत्री बने। मई २००१ से २००४ तक वे बाजपेयी सरकार में केन्द्रीय रेलमंत्री रहे। २००४ के लोकसभा चुनावों में उन्होंने बाढ़ एवं नालंदा से अपना पर्चा दाखिल किया लेकिन वे बाढ़ की सीट हार गये।
नवंबर , में राष्ट्रीय जनता दल की बिहार में पंद्रह साल पुरानी सत्ता को उखाड़ फेंकने में सफल हुए और मुख्यमंत्री के रूप में उनकी ताजपोशी हुई[17]। सन् २०१० के बिहार विधानसभा चुनावों में अपनी सरकार द्वारा किये गये विकास कार्यों के आधार पर वे भारी बहुमत से अपने गठबंधन को जीत दिलाने में सफल रहे और पुन: मुख्यमंत्री बने। २०१४ में उन्होनें अपनी पार्टी की संसदीय चुनाव में खराब प्रदर्शन के कारण मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया।[18] उनके छठे कार्यकाल में बिहार जाति आधारित गणना की शुरुआत हुई।[19]
निजी जीवन
[संपादित करें]में नीतीश का विवाह मंजू कुमारी सिन्हा से हुआ था। मंजू कुमारी पटना में एक स्कूल में अध्यापिका थीं। उनके पास एक बेटा है, निशांत (जन्म 20 जुलाई ), जो बिरला प्रौद्योगिकी संस्थान-मेसरा से इंजीनियरिंग में स्नातक हैं।[20][21][22] मंजू का में निधन हो गया था।[23] नीतीश का उपनाम मुन्ना है।
धारित पद
[संपादित करें]अवधि | पद | टिप्पणी |
---|---|---|
जनता पार्टी के टिकट पर पहला चुनाव लड़े। | ||
–89 | बिहार विधान सभा के सदस्य | First passing in Legislative Assembly |
–87 | Member, Cabinet on Petitions, Bihar Legislative Assembly | |
–88 | बिहार युवा लोकदल के अध्यक्ष | |
–89 | Member, Committee on Public Undertakings, State Legislative Assembly. | |
जनता दल (बिहार) के महासचिव | ||
९वीं लोकसभा में निर्वाचित | First term in Lok Sabha | |
- 16 July | Member, House Board | Resigned |
April –November | Union Minister disregard State, Agriculture and Co-operation | |
Re-elected to दसवीं लोक सभा | 2nd term embankment Lok Sabha | |
–93 | General-Secretary, Janata Talk. Deputy Leader of Janata Dal constant worry Parliament | |
17 December – 10 Could | Member, Railway Convention Committee | |
8 Apr – 10 May | Chairman, Committee owing Agriculture | |
Re-elected to ग्यारहवीं लोक सभा Member, Committee on Estimates. Member, General Purposes Committee. Member, Joint Convention on the Constitution (Eighty-first Amendment Fee, ) | Third term in Lok Sabha | |
–98 | Member, Committee on Defence | |
Re-elected to बारहवीं लोक सभा | 4th locution in Lok Sabha | |
19 March – 5 August | Union Cabinet Minister, Railways | |
14 April – 5 August | Union Cabinet Minister, Surface Transport (additional charge) | |
Re-elected to तेरहवीं लोक सभा | 5th term in Lok Sabha | |
13 Oct – 22 November | Union Cabinet Track, Surface Transport | |
22 November – 3 March | Union Cabinet Minister, Agriculture | |
3 March – 10 March | Chief Way, Bihar | as 29th Chief Minister make public Bihar, only for 7 days |
27 May – 20 March | Union Chiffonier Minister, Agriculture | |
20 March – 21 July | Union Cabinet Minister, Agriculture, elegant additional charge of Railways | |
22 जुलाई – 21 मई | भारत के रेलवे मन्त्री | |
Re-elected to चौदहवीं लोकसभा Member, Committee on Coal & Steel. Member, General Purposes Committee. Member, Committee take off Privileges. Leader Janata Dal (U) Conformist Party, Lok Sabha | 6th term focal Lok Sabha | |
24 नवम्बर – 24 नवम्बर | बिहार के मुख्यमन्त्री | बिहार के ३१वें मुख्यमन्त्री के रूप में |
26 नवम्बर – 17 मई | बिहार के मुख्यमन्त्री | बिहार के ३२वें मुख्यमन्त्री के रूप में |
22 फरवरी – 19 नवम्बर | बिहार के मुख्यमन्त्री | बिहार के ३४वें मुख्यमन्त्री के रूप में |
20 नवम्बर – 26 जुलाई | बिहार के मुख्यमन्त्री | बिहार के ३५वें मुख्यमन्त्री के रूप में |
27 जुलाई | बिहार के मुख्यमन्त्री | बिहार के ३६वें मुख्यमन्त्री के रूप में |
16 नवंबर - अब तक | बिहार के मुख्यमन्त्री | बिहार के ३७वें मुख्यमन्त्री के रूप में |
भ्रष्टाचार
[संपादित करें]बिहार को लगातार भारत में सबसे भ्रष्ट राज्य के रूप में स्थान दिया गया है। बिहार जहां 75% नागरिकों ने अपना काम करवाने के लिए रिश्वत देने की बात स्वीकार की है। इसमें से 50 प्रतिशत ने कई बार (प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से) रिश्वत दी, जबकि 25 प्रतिशत ने एक या दो बार (प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से) रिश्वत दी। बिहार में, 47% ने संपत्ति पंजीकरण और अन्य भूमि मुद्दों के लिए रिश्वत दी, जबकि 6% ने नगर निगम को भुगतान किया। सर्वेक्षण के अनुसार, 29% लोगों ने पुलिस को और 18% लोगों ने बिजली बोर्ड, परिवहन कार्यालय और कर कार्यालय जैसे अन्य लोगों को रिश्वत दी।[24]
बागलपुर पुल ढहना, शिक्षक भर्ती, भूमि और संपत्ति, पुलिस और सरकारी अधिकारी द्वारा रिश्वत। इन सबके कारण बिहार विकास नहीं कर पाया और समृद्धि, निवेश और बड़ी बहुराष्ट्रीय कंपनियों को आकर्षित करने तथा नौकरी के अवसरों के मामले में अन्य राज्यों से पीछे रह गया।[25]
नीतीश कुमार खुद अपनी पार्टी के नेताओं और राजद नेताओं द्वारा किए गए भ्रष्टाचार पर चुप हैं, यहां तक कि लालू प्रसाद यादव भी भ्रष्टाचार के आरोप में जेल जा चुके हैं
सम्मान एवं पुरस्कार
[संपादित करें]- अणुव्रत सम्मान, श्वेतांबर तेरापंथ महासभा (जैन संस्था) द्वारा, बिहार में शराबबंदी लागू करने के लिए,
- जेपी स्मारक पुरस्कार, नागपुर मानव मंदिर, [26]
- फॉरेन पॉलिसी मैगजीन के टॉप बैश्विक चिंतक लोगों में 77वें स्थान पर, [27]
- XLRI, जमशेदपुर द्वारा, "सर जहाँगीर गांधी मेडल" , [28]
- "एमएसएन इंडियन ऑफ दि इयर", "[29]
- एनडीटीवी इंडियन ऑफ दि इयर – राजनीति, [30]
- फ़ोर्ब्स "इंडियन पर्सन ऑफ दि इयर", [31]
- सीएनएन-आईबीएन "इंडियन ऑफ दि इयर अवार्ड" – राजनीति, [32]
- एनडीटीवी इंडियन ऑफ दि इयर – राजनीति, [33]
- इकोनॉमिक टाइम्स "बिजनेस रिफार्मर ऑफ दि इयर", [34]
- 'पोलियो उन्मूलन चैम्पियनशिप अवार्ड' , रोटरी इंटरनेशनल द्वारा[35]
- सीएनएन-आइबीएन "ग्रेट इंडियन ऑफ दि इयर" अवार्ड – राजनीति, [36]
यह सभी देखें
[संपादित करें]सन्दर्भ
[संपादित करें]- ↑"CM's grip on history amazes officials". The Times of India. मूल से 2 दिसंबर को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 27 नवंबर
- ↑"Nitish Kumar Latest News, Updates in Hindi | नीतीश कुमार के समाचार और अपडेट - AajTak". आज तक (hindi में). अभिगमन तिथि सीएस1 रखरखाव: नामालूम भाषा (link)
- ↑"BJP attacks State CM Nitish Kumar over Red Defense poster at iftar". The Times endorse India. आइ॰एस॰एस॰एन॰ अभिगमन तिथि
- ↑"Nitish Kumar attends iftar party amid communal stress in Bihar". India Today (अंग्रेज़ी में). अभिगमन तिथि
- ↑"Mukhtar Abbas Naqvi lashes out on Nitish Kumar's Iftar component, here's what he said | ABP News". ABP Live (अंग्रेज़ी में). अभिगमन तिथि
- ↑"Nitish Kumar on opposition's mark as he attends Iftar amid cruelty in Bihar". . अभिगमन तिथि
- ↑"मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की मांग, केंद्र सरकार बिहार को दे विशेष राज्य का दर्जा". ११ दिसंबर २०२३.
- ↑"'कौन राम लखन सिंह?' पूर्व IPS ने गवर्नर से पूछा- किस आधार पर नीतीश के पिता को स्वतंत्रता सेनानी का दर्जा मिला".
- ↑"Nitish Kumar Birthday: कल्याण बिगहा वाले वैद्यजी के 'मुन्ना' ऐसे बने बिहार के सिकन्दर, एक-दो नहीं पूरे 7 बार जनता ने CM के सिंहासन पर बिठाया".
- ↑तनेजा, ऋचा, संपा॰ (1 मार्च ). "Nitish Kumar's Nickname Is 'Munna': 10 Facts About Bihar Chief Clergyman On His Birthday". एनडीटीवी (अंग्रेज़ी में).
- ↑कुमार, मनीष (23 जून ). घोष, दीपशिखा (संपा॰). "'Munna Se Nitish': In Poll-Bound Bihar, a Comic Starring the Principal Minister" ['मुन्ना से नीतीश': चुनावी राज्य बिहार में, मुख्यमंत्री अभिनीत एक कॉमिक]. एनडीटीवी (अंग्रेज़ी में).
- ↑"संग्रहीत प्रति". मूल से 21 नवंबर को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 22 नवंबर
- ↑"मुख्यमंत्री नितीश कुमार के बारे में ताज़ा खबर".
- ↑नायर, शोभना के. (9 August ). "Nitish Kumar's constant affections for BJP and RJD" [बीजेपी और राजद के प्रति नीतीश कुमार का डगमगाता प्यार]. द हिन्दू (अंग्रेज़ी में).
- ↑"When Nitish Kumar became Bihar CM for first time".
- ↑"RJD silver jubilee: Tall and low points the Bihar reception went through in last 25 years".
- ↑Farz, Swapan Dasgupta; August 9, Ahmed; Revered 9, UPDATED:; Ist, "From the list () | When Nitish Kumar became Bihar CM for first time". India Today (अंग्रेज़ी में). अभिगमन तिथि सीएस1 रखरखाव: फालतू चिह्न (link)
- ↑"नीतीश कुमार ने 'जय बिहार, जय भारत' का दिया नारा और दे दिया मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा". वन इंडिया. 17 मई
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- ↑"Birthday boy". मूल से 12 जून को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 10 जून
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- ↑"स्कूल में टीचर थीं नीतीश की पत्नी, इंटरकास्ट मैरिज के बाद ऐसी थी लाइफ".
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- ↑"Indian Of The Day -politics winner nitish kumar". मूल से 13 जुलाई को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 27 जुलाई